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 गगल हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण को नेगोशिएशन कमेटी का गठन किया

 गगल हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण को नेगोशिएशन कमेटी का गठन किया

 गगल हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण को नेगोशिएशन कमेटी का गठन किया
 गगल  हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण को नेगोशिएशन कमेटी का गठन किया गया है। तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तारीकरण से संबंधित प्रश्न लगा था। कांगड़ा के विधायक पवन काजल द्वारा पूछे सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में जानकारी दी है कि कांगड़ा हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई के विस्तारीकरण की योजना है, जिसके लिए 4 पंचायत रछयालु व कुठमा शाहपुर तहसील व सनौर व गगल कांगड़ा तहसील में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।
सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के लिए नेगोशिएशन कमेटी  का गठन किया जा चुका है। सीएम जय़राम ठाकुर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में भूमि आवंटित करने और उन्हें बसाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पूरा प्रयास कर रही है।अभी तक 12198 परिवारों को राजस्थान में भूमि आवंटित कर बसाया भी जा चुका है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध के 1961 में हुए निर्माण से कुल 20722 परिवार विस्थापित हुए थे। जिनमें से 16352 परिवारों की 30 फीसदी से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इन्हीं में से 12198 परिवारों को 1966 से अभी तक बसाया जा चुका है, जबकि शेष परिवारों को बसाने के लिए प्रयास जारी हैं। 
जयराम ठाकुर ने कहा कि 4018 विस्थापितों के पट्टे राजस्थान सरकार ने रद्द भी कर दिए हैं। उन्होंने साफ किया कि विस्थापितों की आवंटित भूमि पर अन्य व्यक्तियों द्वारा जबरन कब्जा करने की राजस्थान सरकार को कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार के साथ इस मुद्दे पर अनेक स्तरों पर वार्ता हो चुकी है और मामला सुप्रीमकोर्ट में भी विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार स्वयं भी इस मामले के जल्द निपटारे के पक्ष में है। हालांकि अभी भी जमीन पर जमीन पर काम होना बाकी है। इस संबध में विधायक अर्जुन सिंह ने मूल सवाल पूछा था। विधायक राकेश पठानिया ने एक प्रतिपूरक सवाल के माध्यम से सरकार से सुझाव दिया कि इस मामले के जल्द निपटारे के लिए प्रदेश सरकार अपना एक दल राजस्थान भेजे। 
जलजीवन मिशन को लेकर विधायक हीरा लाल के एक सवाल के जवाब में सिंचाई व जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि जलजीवन मिशन पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इस मिशन के तहत मार्च 2020 तक अधिक से अधिक कार्य पूरा कर लिया जाए। इसके लिए प्रदेश के सभी ब्लॉकों को हर घर को नल से जल के तहत डीपीआर बनाने को कहा गया है। उन्होंने मूल प्रश्न के उत्तर में कहा कि जलजीवन मिशन के तहत करसोग विधानसभा क्षेत्र में 5 पेयजल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिन पर 44 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। सरकार ने इन योजनाओं को मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जलजीवन मिशन को लेकर ही विधायक राकेश पठानिया ने भी प्रतिपूरक सवाल पूछा।
विकास खंडों में पैसा खर्च करने को लेकर विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सभी विकास खंडों को आदेश दिए कि 2003 से लेकर 2019 तक का जो भी पैसा विकास खंडों में विभिन्न शीर्षों के तहत पड़ा है, उसे 31 मार्च तक खर्च करें, अन्यथा विभाग इस पैसे को वापस ले लेगा। उन्होंने विधायकों से भी आग्रह किया कि वे विधायक निधि के पैसे ही समय-समय पर समीक्षा करें, ताकि इसका सदुपयोग और समय पर खर्चना सुनिश्चित बनाया जा सके। इससे पूर्व मूल प्रश्न के उत्तर में वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में विभिन्न विकास खंडों में अलग-अलग शीर्षों के तहत 13,10,19,53,830 रूपए की राशि खर्च की गई, जबकि 4,77,82,66,690 रूपए की राशि खर्चना शेष है।
 

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