
सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) ने कई कंपनियों के दिए कर्ज की वसूली के लिए नया तरीका अपनाया है। बैंक ने एस्सार स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, आलोक इंडस्ट्रीज और बॉम्बे रेयॉन के 3,325 करोड़ के नॉन-परफॉर्मिंग लोन बेचने का कदम उठा लिया है। वह 31 मार्च तक इन्हें बेचना चाहता है। अगर वह मार्च में ये लोन नहीं बेच पाता है तो उसे इस पूरी रकम को बैड लोन के तौर पर दिखाना होगा और उसके लिए प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। अभी इन कंपनियों के लोन रिजॉल्यूशन मामले दिवालिया अदालतों में चल रहे हैं।
एनपीए की बिक्री के लिए बैंक ने अपनी वेबसाइट पर चार अलग-अलग नोटिस जारी किए हैं। इनमें लोन खरीदने में दिलचस्पी रखने वालों से बोली मंगाई गई है और उनसे मंगलवार तक ई-ऑक्शन के लिए नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट साइन करने को कहा गया है। बैंक 20 मार्च को ये लोन नीलाम करेगा। सेंट्रल बैंक के सीईओ पल्लव महापात्र ने बताया कि बैंक ने चारों कंपनियों के एनपीए के लिए जो प्रोविजनिंग पहले की है, लोन की बिक्री से उससे अधिक रकम मिलने की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि बैड लोन की बिक्री से बैंक के मुनाफे पर पॉजिटिव असर होगा। महापात्र ने कहा, हमने इन लोन के लिए पर्याप्त प्रोविजनिंग की है। हमें इसके लिए बोलियां भी मिल चुकी हैं। ऑफर से अधिक जो भी रकम मिलेगी, वह इस तिमाही में मुनाफे में जुड़ेगी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अभी पांच अन्य बैंकों के साथ प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क का हिस्सा है। दिसंबर 2018 क्वॉर्टर में बैंक को 718 करोड़ का घाटा हुआ था क्योंकि उसकी टोटल इनकम में गिरावट आई थी। बैंक का एनपीए भी दिसंबर क्वॉर्टर में 20.64 फीसदी के साथ काफी ऊंचे स्तर पर था। सेंट्रल बैंक एनपीए को 100 फीसदी कैश बेसिस पर बेचना चाहता है।