एम.जे.अकबर के खिलाफ महिला पत्रकार ने दी गवाही
एक महिला पत्रकार ने मंगलवार को अदालत में आरोप लगाया कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर ने 1997 में उस समय उनका कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया, जब वह उनके द्वारा संपादित एक अखबार में काम कर रही थीं। महिला पत्रकार गजाला वहाब ने अकबर द्वारा लेखिका प्रिया रमानी के खिलाफ दायर की गई आपराधिक मानहानि शिकायत में रमानी के समर्थन में एक गवाह के रूप में अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। भारत में मीटू अभियान के दौरान अकबर का नाम आने और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा बढ़ने के बाद उन्होंने पिछले साल 17 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस सिलसिले में अकबर ने रमानी के खिलाफ एक निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। रमानी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि अकबर ने 20 साल पहले उसके साथ कथित रूप से यौन दुर्व्यवहार किया। उन्होंने अंग्रेजी अखबार एशियन एज में जनवरी से अक्तूबर 1994 तक काम किया। अकबर ने यौन दुर्व्यवहार के आरोपों से इंकार किया रमानी ने अदालत से कहा कि महिला के बयान से अकबर का ये दावा गलत साबित हो गया है कि उनकी बेदाग प्रतिष्ठा रही है। वहाब ने अपने बयान में कहा कि मेरी डेस्क अकबर के कार्यालय के ठीक बाहर इस तरह थी कि अगर उसका दरवाजा थोड़ा भी खुला होता तो वह मुझे देख सकता था। अगर वहां कोई मिलने आता तो दरवाजा बंद होता, और जब वह अकेला होता, तो दरवाजा खुला रहता। उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में अकबर ने उन्हें कार्यालय में बुलाकर उनके साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया। अकबर ने यौन दुर्व्यवहार के सभी आरोपों से इंकार किया।
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